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भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान भुवनेश्वर भारत में विज्ञान, अभियांत्रिकी तथा प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में प्रशिक्षण, अनुसंधान और विकास हेतु निर्मित राष्ट्रीय महत्व के शीर्ष शैक्षणिक संस्थानों में से एक है, जिसका ध्येय राष्ट्रीय स्तर पर गुणवत्तापूर्ण शिक्षा एवं अनुसंधान सहित स्नातक एवं स्नातकोत्तर शिक्षा एवं अनुसंधान में आत्मनिर्भरता लाना है । इसकी स्थापना की घोषणा देश के 60वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर तत्कालीन प्रधान मंत्री डॉ.मनमोहन सिंह द्वारा की गई । तत्पश्चात, 28 मार्च, 2008 को पूर्ववर्ती मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा इसकी नीव रखी गई । संस्थान की स्थापना के साथ राजभाषा के लिए एक स्वतंत्र अनुभाग राजभाषा एकक का विधिवत गठन किया गया । इस तरह संस्थान अपनी स्थापना के बाद से ही गुणवत्तापूर्ण विज्ञान, अभियांत्रिकी तथा प्रौद्योगिकी संबंधी अनुसंधान के साथ – साथ गृह-मंत्रालय, राजभाषा विभाग तथा शिक्षा मंत्रालय, भारत सरकार, नई दिल्ली द्वारा राजभाषा हिंदी के क्रियान्वयन से संबंधित जारी समस्त महत्वपूर्ण आदेशों एवं दिशा–निर्देशों का संस्थान में त्वरित कार्यान्वयन सुनिश्चित करने हेतु कृत- संकल्पित है ।

 सहर्ष यह सूचित किया जाता है कि हमारे संस्थान को शिक्षा मंत्रालय, उच्चतर शिक्षा विभाग ने दिनांक 29  जनवरी, 2023 से अधिसूचित कार्यालय घोषित कर दिया । अस्तु भारत सरकार की भी हमसे अपेक्षा है कि संस्थान में आवश्यक कामकाज राजभाषा हिंदी में हो । इसी को ध्यान में रखते हुए संस्थान के इंटरनेट पर मौजूद राजभाषा मेन्यू को नवीन एवं संशोधित स्वरूप में प्रस्तुत किया गया है जिसका मुख्य उद्देश्य स्टाफ सदस्य को राजभाषा के संबंध में भारत सरकार तथा शिक्षा मंत्रालय के नियमों से अवगत कराने के साथ-साथ उनके दैनंदिन कार्यों को हिंदी में करने की प्रेरणा और प्रोत्साहन देना और आवश्यक सहायता प्रदान करना है । इसके अंतर्गत राजभाषा के प्रयोग, प्रचार, प्रसार और हिंदी में कामकाज को सरल बनाने के लिए संस्थान में प्रयोग किए जानेवाले द्विभाषिक पत्रों के फॉर्मेट, नोटिस आदि अन्य सहायक सामग्री तथा राजभाषा से संबंधित नीति-नियम, हिंदी और अन्य भाषा टायपिंग टूल्स और ऑनलाइन शब्दावली शब्दकोश को स्टाफ सदस्यों के सहज संदर्भ हेतु लिंक के अंतर्गत उपलब्ध कराया गया है ताकि भारत सरकार के राजभाषा विषयक नीतियों के अनुपालन के क्रम में राजभाषा के प्रयोग-प्रसार को निर्बाध गति से क्रियान्वित किया जा सके ।

 आशा है यह आप सभी के लिए उपयोगी सिद्ध होगा और हम सब समग्र रूप से क्षेत्रीय भाषा ओड़िया तथा राजभाषा हिंदी के प्रचार-प्रसार के अपने संकल्प के प्रति और अधिक अग्रसर हो सकेंगे ।  

राजभाषा एकक, भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान भुवनेश्वर

 

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